Home छत्तीसगढ़ प्रशासन दंड भुगतने को तैयार लेकिन आंदोलनकारी कैंप हटाने पर अड़े

प्रशासन दंड भुगतने को तैयार लेकिन आंदोलनकारी कैंप हटाने पर अड़े

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रायपुर। शुक्रवार का दिन जिले में आंदोलनों के नाम रहा। पखांजूर में बीएसएफ कैंप हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। आंदोलनकारियों से पुलिस तथा प्रशासन ने तीसरे दिन भी चर्चा की जिसका कोई परिणाम नहीं निकल सका। पांच घंटे तक चली चर्चा के चलते शुक्रवार को प्रस्तावित चक्काजाम तो टल गया लेकिन कोई आंदोलन समाप्त होने की दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं निकल पाया। इधर अंतागढ़ में भी माइस की गाडिय़ों के परिवहन को लेकर ग्रामीण तथा परिवहन संघ आमने सामने हो गए हंै। ग्रामीणों ने माइंस की गाडिय़ों को रोका तो परिवहन संघ से जुड़े लोगों ने भी चक्काजाम कर दिया। विवाद बढ़ता देख प्रशासन ने यहां भी दोनों पक्षों को चर्चा के लिए शाम 5 बजे बुलाया, जहां तय किया गया कि इस मुद्दे को लेकर सभी पक्ष सोमवार को कांकेर में कलेक्टर से भेंट करेंगे, जिसके बाद परिवहन संघ ने चक्काजाम को समाप्त कर दिया। कराकाघाट व तिमुरघाट से बीएसएफ कैंप हटाने की मांग लेकर तीसरे दिन प्रदर्शनकारी चक्काजाम व पुतला दहन करने वाले थे। जानकारी मिलने पर प्रशासन की ओर से एसडीएम धनजंय नेताम, एसडीओपी मंयक तिवारी, तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा दोपहर 2 बजे चर्चा करने पंडाल पहुंचे। कड़ाके की ठंड के चलते आंदोलन खत्म का प्रस्ताव रखा। प्रशासन ने कहा कि अगर जहां कैंप खोला गया है वह देव स्थान है तो प्रशासन समाज के साथ जाकर सीमांकन करेगा और देवस्थल को मुक्त कर दिया जाएगा। साथ ही माना कि प्रशासन से गलती हो गई है जिसका वे दंड भरने तैयार हैं। दंड भी गायता मांझी तय कर लें। लेकिन आंदोलनकारी संस्कृति और देवी देवताओं से छेड़छाड़ को गलत बताते कैंप हटाने की बात पर अड़े रहे। इलाके के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो सामूहिक इस्तीफा देंगे। दोनों पक्षों के बीच पांच घंटे तक सवाल जवाब होते रहे लेकिन चर्चा का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
कैंप 14 माह के लिए, पुल बनते ही हटेगा
एसडीओपी मयंक तिवारी ने कहा कि प्रतापपुर कोयलीबेड़ा मार्ग पर 82 बम बरामद होने सुपरवाइजर की हत्या के बाद केवल 14 महीनों के लिए बीएसएफ कैंप खोला है। सड़क पुल बनने के बाद कैंप हटा लिया जाएगा। भैंसमुंडी बीएसएफ कैंप हटने का उदाहरण दिया।
पंडाल में बांटे गए कंबल व राशन
आंदोलनकारियों को विभिन्न संस्थाओं से समर्थन मिल रहा है। रात में कड़कड़ाती ठंड से बचने सुकलाल सरकार ने 100 कबंल के अलावा दस क्विंटल चावल, सब्जी आदि दिए। व्यापारी संघ पखांजूर भी राशन की व्यवस्था कर रहा है।