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मोर रायपुर की ब्रांडिंग पर ढाई साल में 1.60 करोड़ खर्च फिर भी जगह-जगह टूटे पैनल

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रायपुर। मोर रायपुर के ब्रांड को स्थापित करने के लिए स्मार्ट सिटी ने इसके डिजाइन और ब्रांडिंग (प्रचार-प्रसार) में पिछले ढाई साल में लगभग पौने दो करोड़ रुपए खर्च कर डाले हैं। लेकिन इतने खर्च के बावजूद स्मार्ट सिटी अपने इन ब्रांडिंग पैनल्स को दुरुस्त नही रख पाई। यहां तक कि स्मार्ट सिटी के दफ्तर के सामने बूढ़ातालाब में लगे 25 लाख रुपए के पैनल को भी मेंटेन नहीं किया जा सका और इसमें टूट-फूट हो गई है। अभी बूढ़ातालाब में 40 करोड़ रुपए का रीडेवलपमेंट का काम शुरू हुआ है। इसका डिजाइन कुछ ऐसा है कि यहां मोर रायपुर का पैनल उखाड़ना पड़ जाएगा। यही नहीं, तेलीबांधा तालाब में लगे बड़े पैनल की भी ऐसी अनदेखी हुई है कि एक जमान में सेल्फी प्वाइंट के रूप में मशहूर हो चुका यह पैनल भी जगह-जगह से टूट रहा है और बच्चों के लिए खिलौना बन गया है।
00 ब्रांडिंग पैनलों पर कितना हुआ खर्च
दो बड़े पैनल – 50 लाख
छोटे पैनल (12) – 8.40 लाख
मीडियम पैनल (3) – 2. 40 लाख
00 छोटे पैनल हुए बर्बाद
शहर की मुख्य इमारतों में लगाए मोर रायपुर के छोटे पैनल भी फीके पड़ गए हैं। व्हाइट हाउस निगम मुख्यालय में पूरे स्मार्ट सिटी अमले का रोजाना आना जाना होता है। लेकिन बदरंग हो चुका पैनल किसी को नजर नहीं आ रहा है। मोर रायपुर थीम को स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी बड़ा अभियान चलाया गया। हालांकि ये फ्री ऑफ कॉस्ट था।
00 लोगो का डिजाइन इस तरह
स्मार्ट सिटी की स्पिरिट या थीम कहलाने वाले मोर रायपुर लोगो को स्मार्ट सिटी से जुड़े निगम के इंजीनियरों ने ही डिजाइन किया है। इसमें रायपुर के पी अक्षर के भीतर विवेकानंद की छवि और रायपुर में लगे अंग्रेजी शब्द आर को घड़ी चौक का क्लॉक टॉवर बनाया गया है। मोर रायपुर गीत को करीब साढ़े पांच लाख रुपए में मशहूर गायक जावेद अली से गवाया गया था।