नई दिल्ली। पिछले काफी वक्त से शेर और बाघों के साथ ही तेंदुओं की आबादी में गिरावट देखने को मिल रही थी। एक वक्त ऐसा भी आया था जब ये जानवर भारत में लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके थे। हालांकि अब इनकी आबादी में इजाफा देखने को मिल रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर ट्वीट कर जानकारी दी है। साथ ही पीएम मोदी ने पशुओं की सुरक्षा करने की भी बात कही है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि शेर और बाघों के बाद अब तेंदुओं की आबादी में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने उन लोगों को धन्यवाद किया है, जो पशु संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमें इन प्रयासों को जारी रखना होगा और अपने पशुओं को सुरक्षित आवास में रहना सुनिश्चित करना होगा।
दरअसल, हाल ही में 2018 में तेंदुए की स्थिति
पर एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 में तेंदुए की स्थिति
रिपोर्ट का विमोचन किया। जिसमें तेंदुए की संख्या में बढ़ोतरी की बात कही गई है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि तेंदुओं की संख्या करीब 13 हजार पहुंच चुकी है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तेंदुओं की बढ़ी संख्या को लेकर ट्वीट किया है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत में अब 12,852 तेंदुए हैं। 2014 में हुई गणना के बाद इसमें 60 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में तेंदुओं की संख्या 12,852 तक पहुंच गई है। जबकि इसके पहले 2014 में हुई गणना के अनुसार देश में 7,910 तेंदुए थे। इस अवधि में तेंदुओं की संख्या में 60 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। गणना के अनुसार मध्य प्रदेश में 3,421 तेंदुए, कर्नाटक में 1,783 तेंदुए और महाराष्ट्र में 1,690 तेंदुए, दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा पाए गए हैं।
इस मौके पर श्री जावडेकर ने कहा कि जिस तरह से भारत में टाइगर की निगरानी की गई है, उसका फायदा पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को हुआ है और उसी वजह से तेंदुए जैसी प्रजातियों की संख्या में बढ़ोतरी करना आसान हुआ है। भारत ने टाइगर सर्वेक्षण में भी विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जिसने तेंदुए की संख्या और टाइगर रेंज में कुल 12,852 (12,172-13,535) तेंदुए की मौजूदगी का भी आकलन किया है। तेंदुए शिकार से संरक्षित क्षेत्रों के साथ-साथ बहु उपयोग वाले जंगलों में भी पाए जाते हैं। गणना के दौरान कुल 51,337 तस्वीरें ली गई जिसमें से 5240 वयस्क तेंदुओं की पहचान की गई है। जिसके लिए गणना करने वाले खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया। सांख्यिकी विश्लेषणों के अधार पर टाइगर क्षेत्र में कुल 12,800 तेंदुओं की गणना की गई है।
तेंदुओं की संख्या की गणना न केवल टाइगर रेंज में की गई बल्कि गैर वन वाले क्षेत्र जैसे कॉफी, चाय के बागान और दूसरे भौगोलिक क्षेत्र में भी की गई है, जहां पर तेंदुए पाए जाने की संभावना होती है। गणना में हिमालय के ऊंचाई क्षेत्र, शुष्क क्षेत्र से लेकर पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है। इन क्षेत्रों को शामिल नहीं करने की प्रमुख वजह यह है कि इन क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या बेहद कम होने के आसार हैं।
एक अहम बात और यह है कि बाघ की निगरानी से तेंदुए जैसी प्रजातियों का आकलन करने में भी मदद मिली है। द नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी और वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एनटीसीए-डब्ल्यूआईआई) जल्द ही दूसरी प्रजातियों के बारे में जानकारी साझा करेगा।