नई दिल्ली। संसद सत्र पर केंद्र सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। बताया गया है कि कोरोना महामारी के चलते शीतकालीन सत्र नहीं होगा वहीं बजट सत्र को जनवरी में रखा जाएगा। सरकार की तरफ से यह बात कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के पत्र के बाद कही गई है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लिखे पत्र में चौधरी ने छोटा शीतकालीन सत्र रखने की मांग की थी।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि इस सत्र में कृषि बिलों और किसान आंदोलन पर चर्चा होनी चाहिए। सोमवार को सरकार की तरफ से चौधरी को बताया गया कि विभिन्न पार्टियों के नेताओं से बातचीत की गई है और सभी ने महामारी के चलते संसद का शीतकालीन सत्र नहीं रखने की हामी भरी है।
प्रह्लाद जोशी ने दिया अधीर चौधरी के पत्र का जवाब
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पत्र में रंजन चौधरी को कहा कि सरकार संसद का अगला सत्र जल्द से जल्द करना चाहती है, इसलिए बजट सत्र को जनवरी में रखने का विचार हुआ है। बता दें कि पिछले साल बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था वहीं 2018 में यह 28 जनवरी से चला था। चौधरी ने सरकार का पत्र मिलने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि विंटर सेशन नहीं होना चाहिए। बल्कि उन्होंने तो सेशन के होने के समर्थन में अपनी बात रखी थी। चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार संसद में चर्चा, किसानों के सवालों पर जवाब देने से ‘भाग’ रही है।
प्रह्लाद जोशी ने पत्र में कहा है कि आप जानते हैं कि मानसून सत्र महामारी के चलते लेट हुआ था और उसे सितंबर 2020 में रखा गया था। सभी सावधानियों का पालन करके सत्र को चलाया गया और इसमें 27 बिलों को पास करवाया गया था। आगे कहा गया है कि सर्दियों के ये महीने काफी अहम हैं क्योंकि इस दौरान देश में खासकर दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते देखे गए हैं।