मौसम में आए इस बदलाव के कारण चना व उद्यानिकी फसलों को नुकसान
कवर्धा। सोमवार सुबह हल्की बारिश और दिन में रुक- रुककर बूंदाबांदी हुई। जिसके चलते बीते 24 घंटे में दिन का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। कवर्धा समेत पूरे जिले में बादलों के कारण दिनभर धूप नहीं दिखीं। हल्की शीतलहर के कारण तापमान में बदलाव देखने को मिल रहा है। आज भी मौसम के ऐसे ही बने रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें, तो छग में दक्षिण से नमीयुक्त गर्म हवा और पूर्व से शुष्क व अपेक्षाकृत ठंडी हवा आ रही है। इसके मिलन से बादल छाए रहे। बादलों के चलते कवर्धा में सुबह हल्की बारिश हुई। फिर दिन में रुक- रुककर बूंदाबांदी हुई। सोमवार को दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस पर रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 17 डिग्री पर आ गया। इधर, मौसम में आए इस बदलाव से चना और उद्यानिकी फसलों को नुकसान की आशंका है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बदली वाला मौसम ज्यादा दिन तक रहा, तो फसलों में कीट प्रकोप बढ़ेगा। हालांकि, नुकसान की संभावना कम होना बताया जा रहा है। फिर भी अलर्ट रहना जरूरी है।
आगे यदि बारिश हुई तो गन्ने की कटाई होगी प्रभावित
पूर्वानुमान के मुताबिक अभी कुछ दिन मौसम ऐसे ही रहेगा। अगर मौसम नहीं खुला, तो किसानों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। जिले में लगभग 27 हजार हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगी है। कारखाने में पेराई शुरू होने पर किसान गन्ने की कटाई में जुटे हैं। अगर बारिश होती है, तो गन्ने की कटाई प्रभावित होगी। वहीं खेतों में कटकर रखे गन्ने को नुकसान की आशंका है। इससे किसानों की मुसीबत भी बढ़ेगी।
एक्सपर्ट व्यू
गेहूं फसल को इससे नुकसान नहीं पहुंचेगा कृषि विज्ञान केंद्र कवर्धा के डीन, डॉ. आरके द्विवेदी का कहना है कि वर्तमान में कुछेक क्षेत्रों में हल्की बारिश हाे रही है। इस कारण नुकसान की संभावना कम है। लेकिन बदली वाला मौसम ज्यादा दिन तक रहा, तो फसलों में कीट- पतंग की समस्या होगी। चना व उद्यानिकी फसलों को नुकसान ज्यादा है। ऐसे में किसान सतर्क रहे। इस मौसम का असर गेंहूं के फसलों को नहीं होगा, क्योंकि ये हाल में ही बोई गई है। किसानों को सलाह है कि वे वर्तमान मौसम को देखते हुए सिंचाई न करें। साथ ही फसलों में यूरिया का छिड़काव न करें। इसके अलावा कृषि केंद्र से लगातार मार्गदर्शन लेते रहें ताकि फसल को नुकसान न पहुंचे।
केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित होने की आशंका
आसमान में छाए बादल और हल्की बारिश से धान खरीदी को लेकर किसानों को दिक्कत हो सकती है । बारिश से केंद्रों मेंं धान खरीदी प्रभावित होगी, तो किसानों को तौलाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा। पिछले सीजन में भी कई बार बारिश होने व बादल छाए रहने के कारण केंद्रों में धान की खरीदी प्रभावित हुई थी।