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राज्य के एक चौथाई MLA वायरस की चपेट में

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर जारी है। यहाँ मार्च में पहला संक्रमण का पहला मामला आया उसके बाद से दो लाख 48 हजार से अधिक लोग वायरस की चपेट में आ गए हैं। इस संक्रमण की चपेट में सरकार भी है।
प्रदेश के दो मंत्री भी कोरोना से बीमार हो चुके हैं। इनमें उच्च शिक्षा, युवा कल्याण और खेल मंत्री उमेश पटेल और महिला एवं बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया शामिल हैं। पांच संसदीय सचिव भी इसकी वजह से बीमार हुए थे।
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यों वाली विधानसभा के 22 मतलब करीब एक चौथाई विधायकों को यह वायरस अपनी चपेट में ले चुका है। इनमें कई वरिष्ठ विधायक भी शामिल हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और कोण्डागांव विधायक मोहन मरकाम, नेता प्रतिपक्ष और बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक और दूसरे प्रमुख विपक्षी दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को वायरस ने अपना निशाना बनाया था।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक किसी विधायक के कोरोना संक्रमित होने का पहला मामला जून में सामने आया था। डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू इसके पहले शिकार हुए। जिस समय विधायक की जांच रिपोर्ट आई वे विधानसभा परिसर में समिति की बैठक में थे।
संक्रमण का मामला सामने आने के बाद विधानसभा सचिवालय को पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। बैठक में शामिल शेष पांच विधायकों और सचिवालय के अफसरों को कई दिनों तक आइसोलेट रहना पड़ा। इसी बैठक में शामिल भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा और कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा को बाद में संक्रमित पाया गया।
अगस्त के बाद विधायकों और मंत्रियों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। हाल ही में कोरोना संक्रमण की चपेट में आए रायपुर ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा, पूरे देश में जनप्रतिनिधि संक्रमण के खतरे में हैं। हमारी स्थिति ऐसी है कि जनता से मिलने से इन्कार नहीं कर सकते।
शर्मा कहते हैं, जनता अगर परेशानी में है तो कोई संवेदनशील जनप्रतिनिधि घर में बैठा नहीं रह सकता। जनता हमारी जिम्मेदारी है। समस्या यह है कि मिलने-जुलने वालों में कौन संक्रमित है इसका पता नहीं चलता। ऐसे में जनता का काम करने के लिए हमें यह खतरा तो उठाना होगा।