Home शिक्षा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रैंकिंग मे पिछड़ा, पहुँचा 23 वे स्थान पर

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रैंकिंग मे पिछड़ा, पहुँचा 23 वे स्थान पर

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रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, अब देश के टॉप-10 कृषि संस्थानों में शामिल नहीं है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) से कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की गई है। इसमें उसे 23वां स्थान मिला है।
पिछले साल विश्वविद्यालय देश में 10वें स्थान पर था। 23वें स्थान पर आने से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को आईसीएआर से फंडिंग लेने में परेशानी हो सकती है। साथ ही डिग्री की वैल्यू में भी कमी आने के चलते छात्रों को भी परेशान होना पड़ सकता है।
आईसीएआर पिछले तीन बरसों से देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग कर रहा है। देशभर में करीब 67 कृषि विवि की रैंकिंग इस बार की गई है। इसमें इंदिरा गांधी कृषि विवि 23 वां स्थान मिला है। साल 2016-17 में जब आईसीएआर से जब पहली रैंकिंग दी गई थी तब विश्वविद्यालय 17 वें नंबर पर था। तीन साल बाद विवि की रैंकिंग सुधरी है और इसे टॉप-10 में जगह मिली।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर की रैंकिंग
आपको बता दें कि आईसीएआर की किसी एक क्षेत्र के आधार पर रैंकिंग नहीं करती है। चयन प्रक्रिया में कृषि अनुसंधान, नई-नई किस्मों को विकसित करने, शैक्षणिक स्तर, राष्ट्रीय स्तर पर स्टूडेंट्स का चयन एवं कृषि में नए नवाचार आदि पहलुओं को देखते हुए रैंकिंग दी जाती है।
पीछे रहने के कारण
इस बारे में टीआरपी ने कई जानकारों से चर्चा की जिनके अनुसार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में हो रहे रिसर्च कार्यों का कोई तोड़ नहीं हैं लेकिन यहां अब भी संसाधनों का अभाव है। प्रदेश में कृषि कॉलेजों की संख्या प्रयाप्त हैं मगर यहां छात्रों के अनुुपात में शिक्षक नहीं हैं। यही वजह है कि कृषि विश्वविद्यालय रायपुर 23वें स्थान पर पहुंचा है और हम हम टॉप-10 की दौड़ से बाहर हो गए।
गौरतलब है कि साल 2003 में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से सिर्फ चार कृषि कॉलेज जुड़े थे। जिसमें कुल 300 सीट थी। वर्तमान समय में इससे जुड़े सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। यह अब 40 हो गई है। इसमें करीब 2200 सीटें हैं।
क्या हो सकता है नुकसान
बड़े संस्थानों के साथ एमओयू आसान होगा।
आईसीएआर से रिसर्च के लिए पैसे मिलेने में परेशानी हो सकती है।
यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट जब जॉब के लिए या फिर दूसरे संस्थानों में दाखिला के लिए जाएंगे तो उनकी डिग्री का वेटेज टॉप 10 कृषि विवि से कम आंका जाएगा।