मुंगेली/ मुंगेली जिला बनने के बाद और कलेक्टर जैसे शीर्ष अधिकारी के बैठने के बाद भी भ्रष्ट अधिकारियों को किसी भी बात का डर नही है, न तो वे कलेक्टर की परवाह कर रहे और न ही सरकार की। तभी तो मुंगेली का अधिकांश विभाग भ्रष्टाचार रूपी नदी में गोता लगा रहा है। भ्रष्टाचार को एक नये रूप में परिभाषित करने वाली मनियारी जल संसाधन विभाग इस दिनों काफी विवादों में है, मनियारी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों, इंजीनियरों एवं ठेकेदारों के मिलीभगत से शासन को करोड़ो का चूना लगाया जा रहा है, साथ ही सामग्रियों की खरीदी में बाबुओं के द्वारा भारी गड़बड़ी करते हुए शासन व जनता की राशि डकारी जा रही हैं। एक तरफ सिंचाई परियोजना को लेकर राज्य सरकार अपना खजाना खोल रखी है जिससे अरबों रूपयों की राशि लाइनिंग, एनीकेट, पीचिंग तथा अन्य निर्माण कार्य हेतु आबंटित किये जा रहे है लेकिन राज्य शासन के खजाने से अपनी खुद की तिजोरी भरने वाले अधिकारियों को अपने उच्चाधिकारियों एवं राज्य शासन का कोई भय नही है तभी तो वे बेखौफ होकर भ्रष्टाचार में लिप्त है, इसका जीता जागता उदाहरण मनियारी जल संसाधन विभाग है। पूर्व में भाजपा सरकार में जमकर सिंचाई विभाग द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया और अब कांग्रेस सरकार में भी भ्रष्टाचार कर भूपेश सरकार को बदनाम कर रर्हे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शक्ति माई मंदिर के पीछे चातरखार रोड में सीसी लाईनिंग कार्य किया गया हैं, उस क्षेत्र के रहने वालों ने बताया कि इस लाइनिंग कार्य को अभी एक वर्ष भी नहीं हुए और जगह जगह बड़े गड्ढे हो गए हैं, अधिकांश लाईनिंग कार्य उखड़ गया हैं साथ ही कई जगह पर दरारें पड़ चुकी हैं, जिससे स्पष्ट हैं कि उक्त कार्य में अधिकारियों और ठेकेदारों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं, विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस लाईनिंग निर्माण कार्य को पूरा नही बनाया गया है और बिना निर्माण कार्य के ही राशि आहरित करने की जानकारी मिली है, साथ ही विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के इस क्षेत्र में होने वाले लाईनिंग कार्य का टेंडर निरस्त हो गया था, अब इस बात में क्या सच हैं क्या झूठ हैं यह तो जांच का विषय हैं, लेकिन जिस क्षेत्र में लाईनिंग का कार्य किया गया उसमें भ्रष्टाचार से इंकार नही किया जा सकता, जिसमें विभाग के एक पुराने अधिकारी और लिपिक की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है, मामला सामने आने पर राजनीतिक दलों के नेता और जनप्रतिनिधिगण सक्रिय हो गये है और उक्त कार्य की जांच कराकर कार्यवाही की बात तो कर रहे है। अब देखना है कि जिला प्रशासन और राज्य शासन इस मामले में क्या करती है ?
जब जानकारी प्राप्त करने हेतु मनियारी जल संसाधन विभाग जाया जाता है तो अधिकारियों एवं बाबूओं का अता पता नही रहता, जबकि जिले के कई कलेक्टरों ने आदेश निकाल कहा था कि समस्त विभाग के अधिकारी जिला मुख्यालय में ही रहकर अपने विभागीय कामकाज का संचालन करेगें परंतु सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं बाबूओं का इससे कोई मतलब नही है और वे अपनी मनमानी कर रहे है।
आश्चर्य कि बात तो यह है कि मुंगेली को जिला बने लगभग 8 वर्षो से अधिक हो गया है और कलेक्टर की मौजूदगी के बाद भी मनियारी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यो में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार करना समझ से बाहर है क्या ये अधिकारीगण अपने उच्चाधिकारियों को भी अपने भ्रष्टाचार के हिस्से का प्रसाद चढ़ाते है ? यह बात अपने आप में प्रश्नचिन्ह लगाती है। भ्रष्टाचार की नदियों में डुबकी लगाती मनियारी जल संसाधन विभाग पर शासन प्रशासन का कोई अंकुश नही है, जिससे विभाग और भी मनमाने तरिके से कार्य कर रहा है एवं राज्य शासन के खजाने में डाका डाला जा रहा है।