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ढाई महीने में महिला कांस्टेबल ने 76 बच्चों को बचाया, मिला आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन

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नई दिल्ली। दिल्ली की एक महिला पुलिस हेड कांस्टेबल ने ढाई महीने में 76 लापता बच्चों को ढूंढ कर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाया है। सामयपुर बादली पुलिस स्टेशन में तैनात महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका को दिल्ली और अन्य राज्यों में 76 से ज्यादा बच्चों को ढूंढ निकालने के बाद आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया गया है। इस तरह का प्रमोशन पाने वाली वह पहली पुलिसकर्मी बन गई हैं।
महिला पुलिस कांस्टेबल (9WHC) सीमा ढाका को यह प्रमोशन काम के प्रति उनकी निष्ठा और उनकी ईमानदारी के लिए दिया गया है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने बुधवार को सीमा ढाका को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया।
76 बच्चों को रेस्क्यू कर मिला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन
पुलिस कमिश्नर श्रीवास्तव ने एक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत एक साल के अंदर 14 साल से कम उम्र के 50 से ज्यादा बच्चों को रेस्क्यू करने वाले कांस्टेबलों और हेड कांस्टेबल को एक आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया जाना था।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि समयपुर बादली थाने में तैनात कांस्टेबल सीमा ढाका ने तीन महीने से कम समय में 76 बच्चों को रेस्क्यू किया। बचाए गए 76 बच्चों में से 56 बच्चों की उम्र करीब 7-12 साल है। सीमा ढाका प्रोत्याहन योजना के तहत तीन महीने के भीतर प्रमोशन पाने वाली पहली पुलिस कर्मी हैं।
सीमा ढाका ने बताया कि उन्होंने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब के बच्चों को रेस्क्यू किया है। उसने कहा कि वह कई महीनों से ऐसे मामलों पर काम कर रही थी, उनके सीनियर अफसरों ने उन्हें इस तरह के मामलों को सुलझाने के लिए प्रेरित किया।
सीनियर्स के सहयोग से मिला प्रमोशन
सीमा ढाका ने अपने सीनियर्स को प्रमोशन का क्रेडिट देते हुए कहा कि उनके सीनियर्स और टीम के सदस्यों की वजह से ही उन्हें यह प्रमोशन मिल सका। उन्होंने कहा कि एक मां के तौर पर वह कभी नहीं चाहेंगी कि किसी का भी बच्चा उससे दूर हो। उन्होंने कहा कि बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए उन्होंने चौबीस घंटे काम किया।
सीमा ढाका ने बताया कि अक्टूबर में प.बंगाल से एक नाबालिग को रेक्यू करना उनके लिए सबसे चुनौती भरा रहा। पुलिस टीम ने नावों से दो नदियों को पार कर बच्चे का पता लगाया। उन्होंने बताया कि बच्चे की गुमशुदगी की शिकायत दो साल पहले दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद उन्होंने सर्च अभियान शुरू किया।
घर से भागे, नशे के आदी बच्चों को किया रेस्क्यू
सीमा ढाका ने बताया कि उन्होंने ऐसे बच्चों को रेस्क्यू किया, जो छोटे से झगड़े के बाद अपने घर से भागकर ड्रग्स और शराब के आदी हो गए थे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बच्चे रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप के पास पाए गए।
सीमा ढाका जुलाई में कोरोना संक्रमित हो गई थीं, तीन हफ्ते क्वारंटीन रहने के बाद उन्होंने फिर से अपना काम शुरू कर दिया था। कांस्टेबल सीमा ढाका साल 2006 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुई थीं, उन्होने रोहिणी में भी काम किया, फिलहाल वह समयपुर बादली थाने में काम तैनात हैं।