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अवैध प्लाटिंग मामले में जवाब देने और दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय हुआ खत्म: कॉलोनाइजर नही दे सके अपना जवाब

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आगे एसडीएम और नगरपालिका प्रशासन को करनी है,कार्यवाही
खरसिया।
खरसिया नगर में अवैध प्लाटिंग के मामले में सबसे बड़ा गढ़ बन चुके खरसिया शहर एवं आसपास के क्षेत्र में भू माफिया द्वारा अवैध प्लॉटिंग कर शासन प्रशासन को धोखे में रखकर अनाप-शनाप अवैध प्लाटिंग बिना नियम कानून कायदे के कर डाली अब इन अवैध प्लाटिंग के मामले खुलकर सामने आ रहे हैं इसमें जिले में सबसे ज्यादा अवैध प्लाटिंग के कारनामे खरसिया में सामने आए हैं कई क्षेत्रों में निजी जमीन को बिना डायवर्शन करवाएं नक्शा बिना अप्रूव कर आए रेरा पंजीयन के बिना बिना कॉलोनाइजर एक्ट के पालन किए अपनी जमीन को प्लाट काट कर भेज दिया गया है यह मामला सामने आने के बाद कलेक्टर भीम सिंह के आदेश पर स्थानीय एसडीएम गिरीश रामटेके एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी राम शुभ रात्रि ने कार्यवाही शुरू कर दी थी जिसके तहत इन्हें 3 दिन का समय देकर प्लाटिंग किए जाने के स्वीकृति के वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे जिसके बाद प्लाटिंग करने वाले लोगो ने जवाब एवं दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दीपावली त्यौहार का हवाला देते हुए समय की मांग की थी सूत्रों से जानकारी मिली है कि नगर पालिका प्रशासन ने इन्हें 3 दिन का और समय भी दिया जो 16 नवंबर को समाप्त हो गया अब आज 19 नवंबर को भी इनका जवाब नगर पालिका प्रशासन के पास नहीं पहुंच सका है ऐसे में अब स्थानीय प्रशासन के डीएम एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी इस मामले में आगे क्या कार्यवाही करते हैं यह एक बड़ा विषय सामने आ रहा है
कॉलोनाइजर ने नही कराया वैध तो भविष्य में मकान मालिकों को हो सकती है,परेशानी
खरसिया शहर में इन अवैध प्लाटिंग करने वालों से प्लाट खरीद कर अपना मकान बना चुके लोगों की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही है अब इन क्षेत्रों को अवैध कालोनियों के रूप में नगर पालिका द्वारा दर्ज किया जाएगा जब तक इन प्लाटों की शासकीय औपचारिकताएं पूरी नहीं कर ली जाएंगी जब तक कोई भी मेंटेनेंस का कार्य नगर पालिका द्वारा नहीं किया जाएगा ऐसे में बिल्डर ने भी इन प्लाट को खरीद कर मकान बना चुके लोगों को शायद भगवान भरोसे छोड़ दिया है इन क्षेत्रों में किसी भी जन सुविधा के नाली रोड जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए इन मकान मालिकों को भविष्य में दिक्कतें पेश आ सकती है।