मुंगेली/ पिछले 7 वर्षो से मुंगेली अवैध कालोनाईजरों और जमीन दलालों के गिरफ्त में रहा है, और उनके द्वारा अवैध तरिके से प्लाटिंग कर नये-नये स्कीम देकर ग्राहकों को फंसाया जाता रहा है, ग्राहक भी नियमों की जानकारी के अभाव में इन जमीन दलालों/अवैध प्लाटिंग करने वालों के झांसे फंसते चले जा रहे है। काफी लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे में राजस्व अधिकारियों सहित अधिकारियों और छुटभैये नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते ये जमीन दलाल अपनी मनमानी करते हुये नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे है। अभी हाल ही में लगातार अवैध प्लाटिंग की खबरें सुर्खियों में थी तथा सभी आश्चर्य करते थे कि आखिर इन जमीन दलालों और अवैध कालोनाईजरों पर कोई कार्यवाही क्यों नही हो पा रही, इसके भी कई वजह हो सकते है शायद जमीन दलाल अधिकारियों का मुंह रूप्यों के बंडल से भरते आ रहे होगंे ? पर वर्तमान में जिला प्रशासन की कड़ाई के चलते जमीन दलालों को पसीना आने लगा है।
पहली बार किसी कलेेक्टर ने की इतनी दमदारी से बड़ी कार्यवाही
मुंगेली कलेक्टर डाॅ. सर्रेवर नरेन्द्र भूरे के निर्देश व मार्गदर्शन में राजस्व और नगर पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा अवैध कालोनाईजरों व जमीन दलालों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुये शहर में लगे बोर्ड को निकाल दिया है जिला प्रशासन कि इस कार्यवाही से शहर में काफी चर्चा का माहौल है कि इतने कम समय में वर्तमान कलेक्टर की तत्परता से पहली बार इतनी बड़ी कार्यवाही हुई है वरना पहले केवल कार्यवाही के नाम पर आश्वासन मिलता था, जिला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से आज जो बोर्ड हटाने की कार्यवाही की गई वह वाकई इन अवैध कालोनाईजरों और जमीन दलालों की कमर तोड़ कर रख दी है। अब देखना यह होगा कि जमीन दलाल कौन सा अवैध प्लाटिंग करने कौन सा नया स्कीम अजमाते है ?
इस संबंध में मुंगेली कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने कहा कि अवैध प्लाटिंग तथा उनके लगे बोर्ड पर लगातार कार्यवाही जारी रहेगीं।
मुंगेली में पानी के जलस्तर गिरने का एक कारण अवैध प्लाटिंग भी
जानकारों की माने तो मुंगेली में अभी हाल ही में तेजी से जलस्तर गिरने के कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण अवैध प्लाटिंग भी है, क्योंकि मुंगेली से लगभग सभी दिशाओं में जमीन दलालों के द्वारा अवैध तरिके से प्लाटिंग कर टुकड़ों में जमीन बेचा जा रहा है, और उस अवैध प्लाटिंग में जमीन लेने वाले ग्राहक अपना मकान तो बनवायेंगे और आज हर कोई पानी को लेकर पूरी सुविधायें चाहता है कि वह एक बटन दबाये और मनचाहे ढंग से उसे प्र्याप्त पानी मिल जाये। एक उदाहरण के माध्यम से इसे समझने की कोशिश करते है, मान लो कोई जमीन दलाल 3 एकड़ जमीन में अवैध प्लाटिंग करता है तो जितने भी टुकड़ों में ग्राहक मिलेंगे लगभग 80 प्रतिशत लोग मकान बनवाते समय बोर खनन करवाते है, जिससे कि जमीन से समय बेसमय जितना चाहा पानी निकाल लिया गया, और अधिंकाश तो वाटर हार्वेसिंग सिस्टम भी नही लगवा रहे जबकि इन जमीन दलालों और अवैध कालोनाईजरों को कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्त के नियमों के अनुसार पूरी शर्तो का पालन करते हुये वैध तरिके से कालोनी विकास करना चाहिये परंतु इन जमीन दलालों और अवैध कालोईजरों के द्वारा कुछ कागजी कार्यवाही संपन्न कर ग्राहकों को भ्रमित कर अवैध तरिके से प्लाटिंग कर रहे है। अभी हाल ही में मुंगेली के जल स्तर में बहुत गिरावट आई, पीएचई और नगर पालिका के अनुसार दिन प्रतिदिन यहां जल स्तर गिरते जा रहा है, जो आने वाले समय में जल संकट का एक भयावह रूप ले लेगी।