रायगढ़ से सुशील पाण्डेय की रिपोर्ट
केआर आरामिल सील, जांच में नहीं पहुंचा मिल मालिक
प्रतिबंधित प्रजाति के अर्जुन लकड़ी का भंडारण मिला
रायगढ़। रायगढ़ वन परिक्षेत्र के द्वारा सभी आरामिल की रूटिन जांच शुरू की गई थी। जहां पूर्व में एक फर्नीचर मार्ट व एक आरामिल को सील किया गया था। इसके अलावा अन्य आरामिल की भी रूटिन जांच जारी थी। जहां आज मौदहापारा रोड स्थित केआर आरामिल में रायगढ़ वन परिक्षेत्र के अधिकारी व कर्मचारी रूटिन जांच के लिए पहुंचे, पर यहां आरामिल संचालक मौके पर उपस्थित ही नहीं हो सका। ऐसे में यहां कार्यरत कर्मचारियों के सामने आरामिल की रूटिन जांच प्रक्रिया शुरू की गई, तो पाया गया कि काफी मात्रा में अर्जुन, सेमल व अन्य प्राजाति के लकड़ी का यहां भंडारण किया गया है। ऐसे में पंचनामा प्रक्रिया पूरी करते हुए आगे की जांच के लिए केआर आरामिल को रायगढ़ वन अमला ने सील कर दिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक डीएफओ मनोज पांडे के निर्देशन व एसडीओ एआर बंजारे मार्गदर्शन में आज दोपहर रायगढ़ वन परिक्षेत्र की वनक्षेत्रपाल लीला पटेल अपनी टीम के साथ केआर आरामिल में रूटिन जांच के लिए पहुंची। तब यहां कार्यरत मिस्त्री व अन्य कर्मचारियों से मिल मालिक के संबंध में पूछा गया, तो उनका यहां नहीं होना बताया गया। इसके बाद मिल संचालक को बुलाने के लिए उसके कोष्टापारा रोड स्थित घर भी भेजा गया, पर घर में नहीं होने की बात कह दी गई, पर काफी देर तक वनक्षेत्रपाल लीला पटेल व उनकी टीम ने मिल संचालक के आने का इंतजार किया। इसके बाद भी जब केआर गुप्ता आरामिल नहीं पहुंचे, तो आगे की प्रक्रिया मिल में कार्यरत मिस्त्री धीर सिंह धु्रवे व अन्य कर्मचारियों के समक्ष जांच शुरू किया गया। इसके बाद यहां जांच में पाया गया कि काफी मात्रा में प्रतिबंधित अर्जुन प्राजाति के लकडिय़ों का यहां भंडारण किया गया है। जिसका नापजोख किया गया और पंचनामा तैयार कर आगे की विस्तृत कार्रवाई के लिए केआर आरामिल को सील कर दिया गया। विदित हो कि लंबे समय बाद इस तरह की कार्रवाई वन मंडल रायगढ़ के द्वारा देखी जा रही है। पूर्व में राजेश्वर मिश्रा के द्वारा आरामिल पर कार्रवाई की गई थी और अब फिर से वही कार्रवाई रायगढ़ वन परिक्षेत्र में देखी जा रही है और लकड़ी तस्करों में विभाग का खौफ साफ देखा जा रहा है। आज के कार्रवाई के दौरान वन क्षेत्रपाल लीला पटेल, वनपाल बीपी पडि़हारी, ऋषिकेश्वर सिदार, तेजराम भगत, गितेश्वर पटेल, सुरेश दीक्षित, कपिल दास महंत, गोवर्धन राठौर, भूषण जांगड़े, प्रेमा तिर्की, विजय मिश्रा, आरके सारथी, सत्यम प्रधान, प्रतिमा गुप्ता, अंकित सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
जांच में हो सकता है कई खुलासा
विभागीय सूत्रों ने बताया कि आरामिल संचालक के घर में सूचना देने के बाद भी उनके द्वारा मौके पर उपस्थित नहीं होना कई संदेहो को भी जन्म दे रहा है। ऐसे में यहां लगे ट्राली व मशीन को सील किया गया है। बताया जा रहा है कि यहां कार्य चल रहा था कि नहीं इसके लिए बिजली विभाग के बिल व अन्य दस्तावेजों को भी जांच की जा सकती है। ऐसे में जांच में और भी कई खुलासा होने की बात कही जा रही है।
क्या राजस्वभूमि से हो रही कटाई?..
पूर्व में जब आरामिल की जांच की गई, तो काफी गड़बडिय़ां पायी गई। यही नहीं पूर्व में लकड़ी पुलिस के द्वारा पकड़ा भी गया था। तब वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेश्वर मिश्रा के द्वारा लकड़ी कहां से लाने को लेकर जांच शुरू की गई। तब यह जांच में पाया गया था कि नटवरपुर की ओर से राजस्व भूमि पर अवैध कटाई किया गया था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि राजस्व व निजी भूमि में नियमों का उल्लंघन करते हुए लगातार लकड़ी तस्कर पेड़ो की अवैध कटाई की जा रही है।
वर्सन
केआर आरामिल में रूटिन जांच के लिए पहुंचे थे, पर मिल संचालक को बुलाने के बाद भी वे नहीं पहुंचे। ऐसे में यहां कार्यरत मिस्त्री के समक्ष जांच किया गया, तो काफी मात्रा में प्रतिबंधितअर्जुन प्राजाति का लकड़ी पाया गया। विस्तृत जांच के लिए अभी मील को सील किया गया है।
लीला पटेल
वनक्षेत्रपाल, रायगढ़