नई दिल्ली। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने अंबाला में राफेल की गोल्डन एरो
स्क्वाड्रन में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट बनकर इतिहास रच दिया है। शिवांगी उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। शिवांगी की मां ने इसपर खुशी जताई है और कहा है कि उनकी बेटी हमेशा एक लड़ाकू विमान पायलट बनना चाहती थी।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी को 2017 में भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच के रूप में कमीशन किया गया था और वह वर्तमान में प्रशिक्षण से गुजर रही है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी वर्तमान में राजस्थान एयर बेस पर तैनात है।
वाराणसी में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट शिवांगी ने प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पढ़ाई की, जहां वह राष्ट्रीय कैडेट कोर में 7वीं यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं। 2016 में वह प्रशिक्षण के लिए वायु सेना अकादमी में शामिल हुई।
बीएचयू में राष्ट्रीय कैडेट कोर में 7वीं यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा भी लेफ्टिनेंट शिवांगी थी। वह 2013 से 2015 तक बीएचयू से एनसीसी कैडेट थी और भगवानपुर के सनबीम से बीएससी किया। 2013 में शिवांगी ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व किया था।
16 दिसंबर 2017 को, शिवांगी को हैदराबाद में वायु सेना अकादमी में लड़ाकू पायलट का खिताब मिला। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी वर्तमान में मिग-21 के फाइटर पायलट हैं।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी की उपलब्धि पर गर्व है। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी की मां सीमा सिंह गृहिणी हैं और भाई मयंक वाराणसी में 12वीं कक्षा में पढ़ता है।