मुंगेली/ मुंगेली में भ्रष्टाचार को किस तरह छिपाया जाए यह कोई मुंगेली के अधिकारियों से सीखे, क्योंकि भ्रष्टाचार का खुलासा होते ही यहाँ कार्यवाही की बजाय लीपापोती करने पर प्राथमिकता दिया जाता हैं। अभी हाल ही में भारत-भास्कर ने आज एक खबर प्रकाशित किया था जिसमें यह बताया गया था कि मुंगेली कलेक्टर कार्यालय के बगल में मेन रोड पर स्थित करही नाला में दोनों साइड पर पिचिंग कार्य 4-5 महीने ही किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 9.24 लाख थी तथा क्रियान्वयन एजेंसी सरपंच ग्राम पंचायत करही हैं, यह कार्य दिनांक 01.12.2019 को प्रारंभ होकर 20.03.2020 को कार्य पूर्ण होना सूचना पटल पर अंकित था, इस कार्य की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत करही हैं, यह वही करही पंचायत हैं जहाँ मुंगेली जिला के लगभग प्रमुख कार्यालय हैं, कलेक्टर और जनपद कार्यालय से लगे इस नाले पर हुए पिचिंग कार्य में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की गई हैं कार्य हुए अभी 4-5 महीने ही हुए थे और पिचिंग कार्य उखड़ चुका था, कई जगह गड्ढा भी हो चुके थे साथ ही पिचिंग कार्य में इस कदर भ्रष्टाचार किया गया हैं कि निर्माण कार्य पूरा ही नहीं हैं, पिचिंग में सपोर्ट के लिए जो स्लाइडिंग पिल्हर लगाना चाहिए वो कई जगहों पर नही लगाया गया हैं, ताज्जुब की बात तो यह हैं कि निर्माण एजेंसी को इतना भी भय नही कि कलेक्टर और जनपद कार्यालय से जुड़े इस नाले में भ्रष्टाचार को अंजाम देने से क्या हो सकता हैं ? या इस भ्रष्टाचार में भी बड़े अधिकारियों की मिलीभगत शामिल हैं ?
इस खबर के प्रकाशित होते ही मामले से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मच गया और देखते ही देखते लीपापोती करने भ्रष्टाचार वाले पिचिंग जगह पर मरम्मत कार्य के लिए मजदूर पहुँच गए, इसमें एक बात तो तय है कि क्या अधिकारी भ्रष्टाचार को छिपाने लीपापोती बस करेंगे या किये गए भ्रष्टाचार पर दोषियों पर कार्यवाही भी करेंगे।