नई दिल्ली। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों, सैन्य गतिविधियों, गलत निर्णयों के कारण समूचे विश्व में निशाने पर है। हालांकि एक बार फिर चीन सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण जरा हटकर है। चीन ने रीयूसेबल तकनीक के इस्तेमाल में पहली सफलता हासिल कर ली। जानकारी के अनुसार उत्तर पश्चिम चीन स्थित जियूक्वूआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से दोबारा इस्तेमाल योग्य प्रायोगिक अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। इसे लॉन्ग मार्च-2एफ रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा गया है। हालांकि यह किस मिशन का हिस्सा है इसका अभी खुलासा नहीं किया गया।
बताया जा रहा है कि यह यान अंतरिक्ष में अपनी कक्षा में अभियान को पूरा कर वापस प्रक्षेपण स्थल पर लौट आएगा। चीन इस यान के जरिए अंतरिक्ष उड़ान की प्रौद्योगिकी को दोबारा इस्तेमाल करने की क्षमताओं का परीक्षण कर रहा है। इस तकनीक के साथ चीन अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस मिशन को पूरी तरह गुप्त रखा गया है। प्रक्षेपण के दौरान मौजूद वैज्ञानिकों और अधिकारियों को सत निर्देश दिए गए थे कि वे न तो प्रक्षेपण का वीडियो बनाएंगे और न ही कोई तस्वीर लेंगे। इस बारे में किसी तरह की चर्चा से भी उन्हें रोका गया।
एक सैन्य सूत्र ने कहा कि प्रयोगात्मक अंतरिक्ष यान US X-37B के समान है। मालूम हो कि X-37B एक मानवरहित अंतरिक्ष विमान है, जो स्पेस शटल के छोटे संस्करण की तरह संचालित होता है। इसे एक रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाता है और वह खुद रनवे लैंडिंग के लिए वापस पृथ्वी पर आ जाता है। इससे पहले जुलाई के अंत में चीन ने अपने पहले मंगल मिशन Tianwen-1 को लॉन्च किया था। गौरतलब है कि कई बार यह बात सामने आ चुकी है कि चीन महामारी की आड़ में अपनी ताकत को मजबूत करने में लगा है। वह अंतरिक्ष से लेकर जमीन तक हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए खुद को सशक्त कर रहा है।