पटना। बिहार में होने वाले विधनासभा चुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीतिक गर्मी बढ़ी हुई है। एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाना और दलों के गठबंधन को लेकर हर किसी की निगाह टिकी हुई है। इसी बीच काफी दिनों के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एनडीए में जाने का फैसला कर लिया है। बता दें कि महागठबंधन से अलग हुए दो सप्ताह हो गए थे। लेकिन कई दिनों से वह अपना सियासी रास्ता तय नहीं कर पा रहे थे।
जीतनराम मांझी ने जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। बता दें कि आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में लगातार उपेक्षा से खिन्न जीतन राम मांझी ने 22 अगस्त को अपनी पार्टी की कार्यसमिति की बैठक करके अपना रास्ता अलग कर लिया था। जीतन राम मांझी ने 27 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके एनडीए के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ने के कयास लगाए जाने लगे थे।
एनडीए में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि 30 अगस्त को पूरी पिक्चर साफ हो जाएगी। इसके बाद जीतनराम मांझी ने 30 अगस्त को तीसरे मोर्च की बैठक बुलाई थी, जिसे उन्होंने स्थागित करते हुए फिर 2 सितंबर की डेडलाइन तय कर दी है। बुधवार को होने वाली बैठक से एक दिन पहले मंगलवार को मांझी गया चले गए थे।