रायपुर/ मुंगेली नगर पालिका के विवादित और तानाशाह सीएमओ राजेन्द्र पात्रे के खिलाफ कांग्रेस-भाजपा पार्षद लामबंद हो गये है सीएमओ का जनप्रतिनिधियों के प्रति किये जाने वाले दुर्व्यवहार तथा कार्यो के प्रति लापरवाही बरतने के कारण आये दिन नगर पालिका जनप्रतिनिधियों और CMO के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होती थी, साथ ही अपने तानाशाह और विवादित छबि के कारण पिछले वर्ष मुंगेली कांग्रेस कमेटी और सफाई कर्मचारियों ने CMO को हटाने प्रयास किया था, परंतु भुपेश सरकार में एक केबिनेट मंत्री के रिश्तेदार होने का ढिंढोरा इस CMO द्वारा पीटा जाता हैं, जिसके चलते उन्हें अभयदान मिल जाता हैं, अभी हाल ही में कांग्रेस-भाजपा पार्षदों ने CMO को हटाने कलेक्टर को ज्ञापन देकर एक हफ्ते का समय दिया गया था, एक हफ्ते के बीत जाने के बाद भी CMO पर कोई कार्यवाही नही हुई जिसके कारण नपा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित कांग्रेस- भाजपा के पार्षद आज धरने पर नगर पालिका के सामने ही बैठ गए। कांग्रेस-भाजपा पार्षदों द्वारा जो ज्ञापन दिया गया था उसमें निमार्णाधीन जल आवर्धन योजना में हो रहे गड़बड़ी की शिकायत, पूर्व में लगे हुये सफाई कर्मचारियों को अपने पद का दुरूपयोग करते हुए उन्हें घर बैठा दिया गया है तथा अपने चहेतों को बिना किसी जानकारी के काम पर लगाने की शिकायत की गई, ज्ञापन में आगे बताया गया कि सीएमओ अत्यंत झगड़ालू प्रवृत्ति के है, बात बात में टेंशन में आ जाते है और धमकी देते हुये कहते है कि 6 वर्ष की नौकरी में मेरा 12 बार स्थानांतरण हो चुका है, इससे ज्यादा और क्या होगा बात-बात में रिपोर्ट करने की धमकी देते है। ज्ञापन में पार्षदों ने शिकायत करते हुये कहा कि किसी भी कार्य को करने पर अगर सीएमओ के केबिन में जाते है तो जनप्रतिनिधियों को धमकी दिया जाता है कि मैं आपके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा एवं झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देते है तथा कहते है कि मंत्रीजी तो मेरे मामा है आप लोग कोई भी शिकायत कर लो मेरा कुछ नही होगा जब मैं चाहूंगा तभी मैं मुंगेली से जाउंगा। इन सभी शिकायतों को लेकर नपा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा कांग्रेस-भाजपा के पार्षदों ने सीएमओ राजेन्द्र पात्रे का स्थानान्तरण एवं उचित कार्यवाही करने एक सप्ताह समय दिया गया था निर्धारित समय में कार्यवाही नही होने पर कांग्रेस-भाजपा के पार्षदों द्वारा धरना प्रदर्शन की आज कार्यालय के सामने ही शुरुवात की गई। कुछ नेताओं का कहना हैं कि सत्ता होने के कारण कांग्रेसी पार्षद दबाव में आकर इस धरना प्रदर्शन का समर्थन नही करेंगे परंतु अधिकांश कांग्रेसी पार्षद स्वयं चाहते हैं कि CMO को तत्काल हटाया जाए, पर मंत्री की रिश्तेदारी की बात सामने आने पर वे कड़वे घूंट पी शांत रह सकते हैं ? बहरहाल अब देखना हैं कि पार्षदों के धरने में बैठने पर कार्यवाही होती हैं या उन्हें भूख हड़ताल पर बैठने की नौबत आएगी, जानकारी के मुताबिक इस धरने में सांसद और विधायक भी शामिल हो सकते हैं ?