नई दिल्ली। कांग्रेस के बतौर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है। पार्टी के संविधान के मुताबिक सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी में प्रस्ताव पास होना जरूरी था। कांग्रेस पार्टी के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ जब वर्किंग कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पास किए बिना कोई अध्यक्ष पद पर बना रहे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मंगलवार से कांग्रेस पार्टी बिना अध्यक्ष पद के चलेगी।
दरअसल कांग्रेस में पिछले काफी समय से सियासी उठापटक जारी है। मध्य प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद अब राजस्थान में अंदरूनी विरोधों के दौर से गुजर रही। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बने एक साल पूरा होने वाला है। माना जा रहा है कि पार्टी जल्द ही अपना स्थायी अध्यक्ष भी चुन सकती है। कांग्रेस में अध्यक्ष पद पर हमेशा से गांदी परिवार का ही कब्जा रहा है। कांग्रेस में अध्यक्ष की होड़ में माने जा रहे नेताओं में सबसे आगे राहुल गांधी का नाम ही सामने आ रहा है। हालांकि, राहुल ने इस अध्यक्ष पद से पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तीफा दे दिया था अब तक उनकी तरफ से इस पद पर लौटने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
गांधी परिवार में पार्टी को साथ लेकर चलने की ताकत :
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मुन सिंघवी ने कहा कि गांधी परिवार के कई सारे त्याग विरासत हैं लोगों को साथ लेकर चलने की हैसियत है, उससे यह मांग लाजिमी है कि राहुल आप ऐसा न करें। फिर भी अगर राहुलजी अडिग, नहीं मानने वाले हैं, तो गणतांत्रिक लोकतांत्रिक रूप से इसका हल निकलना चाहिए।