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15 अगस्त के बाद फिर से सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन की तैयारी

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नई दिल्ली । संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण विरोधी प्रदर्शन एक बार फिर तेज सकते हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में स्थगित हुई सीएए एनआरसी विरोधी प्रदर्शन फिर से शुरू करने की कवायद जोर पकड़ने लगी है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा का कहना है कि 15 अगस्त से एक बार फिर एंटी सीएए एनआरसी प्रोटेस्ट शुरू हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि सीएए एनआरसी विरोधी आंदोलन की धार एक बार फिर तेज करने की तैयारी चल रही है। महमूद प्राचा का कहना है कि कोरोना वायरस के दौर में सरकार की अनलॉक प्रक्रिया एडवांस स्टेज पर पहुंच चुकी है। सरकार की ओर से हर प्रकार की गतिविधि को अनुमति दी जा रही है। ऐसे में 15 अगस्त के बाद प्रोटेस्ट फिर से शुरू हो सकती है।
महमूद प्राचा के मुताबिक, अलीगढ़ से लगातार उन्हें बुलावा आ रहा था, ताकि दोबारा से प्रदर्शन की तैयारी शुरू की जाए। क्योंकि जो आंदोलन चल रहा था, उसे कोरोना लॉकडाउन के चलते रोक दिया गया था। अब कोरोना के समय में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। पूरे देश में अनलॉक के तहत हर प्रकार की गतिविधि को शुरू करने के लिए सरकार खुद बढ़ावा दे रही है। लिहाजा आंदोलन को भी फिर से शुरू किया जा सकता है।
संसद से सीएए के परित होने के बाद देश में बड़े पैमाने पर इसके खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिले थे। सीएए विरोधियों का कहना है कि यह धर्म के आधार पर भेदभाव करता है संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। विरोधियों का यह भी कहना है कि सीएए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना है।