नई दिल्ली। आज यानी एक अगस्त से आपके लिए कार या बाइक खरीदना कुछ सस्ता हो गया है। असल में इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा ने मोटर व्हीकल इंश्योरेंस को लेकर बड़ा कदम उठाया था, जो आज से लागू होने जा रहा है। इसके तहत इरडा ने लॉन्ग टर्म पैकेज्ड थर्ड पार्टी और ऑन-डैमेज पॉलिसी के नियम को वापस ले लिया है। इसमें कार के लिए 3 साल का और टू व्हीलर्स के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी कवर लेना जरूरी कर दिया गया था। इससे कार या बाइक खरीदते समय उसकी कीमत बढ़ जाती थी। आईआरडीएआई के नए निर्देशों के अनुसार अब नई कार या वाहन खरीदने वालों को 3 और 5 साल के लिए बीमा लेने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। कंपनी ने पैकेज कवर को वापस लेने का फैसला किया है।
यह नियम आज यानी 1 अगस्त से लागू हो जाएंगे। नए नियम लागू होने के बाद उन लोगों पर इसका सीधा असर होगा जो 1 अगस्त के बाद नई कार खरीदने जा रहे हैं। हालांकि, देखा जाए तो जो इससे पहले कार खरीद चुके हैं वो भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे। इस लॉन्ग टर्म इंश्योरेंस पैकेज को 1 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पेश किया गया था। लॉन्ग टर्म का मतलब दोपहिया वाहनों के लिए पांच साल और चार पहिया वाहनों के लिए तीन साल मोटर थर्ड पार्टी पॉलिसी लागू की थी। इसके बाद बीमा कंपनियों ने लॉन्ग टर्म पैकेज वाले प्लान पेश किए थे जिसमें थर्ड पार्टी और ओन डैमेज कवर मिलता था। मोटर व्हीकल इंश्योरेंस में बदलाव करने से तो अगले महीने से नई कार या बाइक की खरीदारी थोड़ी सस्ती पड़ सकती है। इससे कोरोना काल में करोड़ों लोगों को फ़ायदा मिलेगा। इरडा ने कहा कि लॉन्ग टर्म पैकेज पॉलिसी के कारण नया वाहन खरीदना लोगों के लिए मंहगा साबित होता है।
बता दें कि इरडा ने बीमाकर्ताओं के लिए अगस्त 2018 से कारों के लिए 3 साल की मोटर पॉलिसी और सितंबर 2018 से टू व्हीलर्स के लिए 5 साल की मोटर पॉलिसी अनिवार्य कर दिया था। 2018 में जब पॉलिसी की शुरुआत हुई थी तब 1.80 करोड़ में से केवल 60 लाख वाहन इंश्योरेंस से कवर थे। नए नियम के तहत अब बीमा कंपनियां 3 या 5 साल के थर्ड पार्टी कवर के साथ-साथ सिर्फ 1 साल के ओन डैमेज कवर की बिक्री कर सकती हैं। इसके बजाय पहले एक लॉन्ग टर्म पैकेज कवर लेने की जरूरत पड़ती थी।
मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत सभी मोटर वाहनों के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस या थर्ड पार्टी बीमा कवर लेना जरूरी है। अगर आपके वाहन से किसी दूसरे को या उसकी प्रॉपर्टी को नुकसान होता है तो यह बीमा पॉलिसी इस नुकसान को कवर करती है। इसमें बीमा कराने वाला पहली पार्टी होता है। बीमा कंपनी दूसरी पार्टी, जबकि जिसे नुकसान पहुंचता है वह तीसरी पार्टी होता है। तीसरी पार्टी ही नुकसान के लिए दावा करती है। वहीं ओन डैमेज (ओडी) पॉलिसी में थर्ड पार्टी पॉलिसी के सभी कवर के अलावा बीमित वाहन को नुकसान से भी कवर मिलता है।