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एमएमआई विवाद पर संस्थापक सदस्यों का कहना पूरी कानूनी प्रक्रिया का किया गया पालन

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जिला प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में हुई कार्रवाई, तमाम दस्तावेज हैं मौजूद
रायपुर।
एमएमआई अस्पताल को लेकर चल रहे विवाद पर उनके संस्थापक सदस्य सामने आए हैं। एमएमआई हॉस्पीटल के संस्थापक सदस्य प्रदीप गुप्ता ने कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं ये बेबुनियाद है। हमने सभी कानूनी पहलू को ध्यान में रखते हुए कमान हाथ में लिया है।
असंवैधानिक तरीके से कब्जा कर बैठे लोगों कोर्ट के फैसले के तहत नोटिस भेजा गया था, निर्धारित समय में कोई नहीं पहुंचे इसलिए जिला प्रशासन और पुलिस के मौजूदगी में पुरी प्रक्रिया की गई. इसके साथ बताया कि एनएच के फाउंडर डॉ. देवी शेठ्ठी ने कहा कि एमएमआई विवाद पर हमने किसी तरह बयान जारी नहीं किया है। विवाद से हमारा कोइ लेना देना नहीं, हमारा काम लोगों की सेवा करना है।
गौरतलब है कि एमएमआई हॉस्पिटल की कमान को लेकर 13 साल तक चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब जाकर मिली जीत के बाद फाउंडर मेंबर ने बुधवार को हॉस्पिटल पुलिस और जिला प्रशासन की मौजूदगी में कमान संभाली। इस सदस्यों के बीच 21 दिन में चुनाव होना है।
वक़ील लोकेश मिश्रा ने बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधन के मेंबर्स के कानूनी पहलू को देखते हुए फाउंडर मेंबर ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में नई चुनौती दी थी, जिस पर ट्रिब्यूनल कोर्ट ने सिर्फ 11 सदस्यों को वैधानिक बताते हुए शेष 69 सदस्यों को अवैधानिक करार दिया है। इन 11 फाउंडर मेंबर के बीच पदाधिकारियों को लेकर 21 दिन में चुनाव करने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने जिन 11 लोगों को संस्थापक सदस्य माना है, उनमें लुनकरण श्रीश्रीमाल, सुरेश गोयल, महेंद्र कुमार धाड़ीवाल, प्रदीप गुप्ता, डॉ. हरख जैन, रेखचंद लुनिया, वासुदेव नारंग और शांतिलाल बरडिया शामिल हैं। कार्यकारिणी समिति में 21 सदस्य होंगे, जिसमें से 11 सदस्य संस्थापक सदस्य होंगे, लेकिन इंस्टीट्यूट को यह भी अधिकार रहेगा कि संरक्षक सदस्यों में से भी कार्यकारिणी में ले सकें।