जब व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर कोर्टिसोल हार्मोन रिलीज करता है. कोर्टिसोल के साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए शरीर को एंडोर्फिन रिलीज करने के लिए तैयार करने की जरूरत होती है और खास बात यह है कि हंसकर आसानी से ऐसा किया जा सकता है. इसलिए हंसी सेहत के लिए बहुत जरूरी है.
हंसने से होती है आंतरिक कसरत
ज्यादा तनाव के समय शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है. वहीं एंडोर्फिन प्राकृतिक दर्द निवारक है जो दर्द में सक्रिय होता है. इसकी जरूरत इसलिए होती है ताकि दर्द से बाहर निकल सके. इसके लिए सबसे पहला काम जो जरूरी है वो ये है कि खूब हंसें. हंसना एक वर्कआउट है. इससे आंतरिक कसरत होती है. खुलकर हंसने से डायाफ्राम, पेट, श्वसन प्रणाली और कंधों का अभ्यास होता है और हंसने के बाद मांसपेशियां और अधिक रिलैक्स्ड हो जाती हैं.
इम्यून सिस्टम में सुधार की वजह बनती है हंसी
हंसने से शरीर में अधिक मेलेटोनिन का उत्पादन होता है जो दिमाग द्वारा रिलीज हार्मोन है. इससे अच्छी नींद में मदद मिलती है. इससे नींद का पैटर्न भी सुधरता है. यही नहीं डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह रामबाण है. खुलकर हंसना इम्यून सिस्टम में सुधार की वजह भी बनता है. हंसी की वजह से इम्यून सिस्टम में संक्रमण विरोधी एंटीबॉडी के साथ ही खून में टी-कोशिकाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हो, सकती है. इसलिए किसी भी कीमत पर हंसी के साथ दिन शुरू करना जरूरी है.
हाई बीपी और डायबिटीज को कंट्रोल करती है हंसी
जो लोग नियमित रूप से खूब हंसते हैं उनका हाई बीपी नियंत्रण में रहता है. हंसने से रक्त वाहिकाओं का कार्य सुधरता है और रक्त प्रवाह बढ़ता है. इससे दिल का दौरा या दिल से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है. रोजाना खुलकर हंसने से डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. शोधों में खुलासा हुआ है कि डायबिटीज के मरीजों से जुड़ी जटिलताओं को कम करने में हंसी का यह व्यायाम मदद करता है.
जवान दिखना चाहते हैं तो खुलकर हंसें
जवान दिखने की चाह रखने वालों के लिए भी यह बड़े काम का व्यायाम है. मुस्कुराने और हंसने से चेहरे की 15 मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं. चेहरे की ओर रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति युवा दिखता है. शारीरिक और मानसिक ही नहीं यह भावानात्मक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है. हंसी की जरूरत इस बात से ही समझ आ जाती है कि जब एक बच्चा मुस्कुराता है तो उसका मन और शरीर कितना उत्साहित लगता है. यह वयस्कों और बुजुर्गों पर भी सटीक बैठता है. हंसने पर हवा फेफड़ों से बाहर निकल जाती है और इसके साथ गहरी आंतरिक सांस ले सकते हैं. शरीर की मांसपेशियों और अंगों के आसपास ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है, इससे अधिक ऊर्जा मिलती है. हंसी के साथ साथ शारीरिक व्यायाम किया जाए तो व्यक्ति स्वस्थ और फिट रहता है. हंसी एक ऐसी दवा है जो कि आसानी से उपलब्ध है और जब चाहे, जैसे चाहे इसका लाभ उठा सकते हैं।